Thursday, December 13, 2018

निकले थे घर से,सपनो को पुरा करने.-----------------

मे आपका मित्र अखिलेश 

           मे आज आप लोगो को उस बात से अवगत ओर रुबरु करवाने वाला हु जो बहुत से व्यक्ति के जीवन में हुआ है खास तोर पर स्टूडेंट के जीवन में जो निकले थे घर  से सपने लेके पर उन्हें क्या पता था की घर जाना ही एक सपना  बन जायेगा। 
                              
      
    हेलो दोस्तो  में आप  सब का स्वागत करता हु मेरे अपने ब्लॉग पर 
                     '' आज कल हर युवा कुछ करना चाहता हे, लेकिन कुछ कारणों से या फिर हमारी गलतियों से हम उन्हें नहीं कर पाते हे। ऐसे न जाने कितने युवा हे जो डिग्री लेने के बाद भी नौकरी नहीं पाते उसका कारण है , हमारी  गलतिया और हमारे  गलत निर्णय। इसके आलावा हमारी शिक्षा प्रणाली जिसमे पारदर्शिता नहीं है।

                      शिक्षा का अभाव होने के कारण  हमारे युवाओ  को ऐसी परेशानियो  का सामना करना पड़ता  है ,जिससे उसका आत्मविश्वास डगमगाने लगता है , फिर भी वह अपना आत्मविश्वास जुटाकर अपने सपने की  ओर आगे बढ़ता है। लेकिन किसी ने सच कहा है की जिस तरह बार बार रस्सी की रगड़ खाने से पत्थर पर भी निशान बन जाता है ,उसी तरह बार बार परेशानियों का सामना कर मनुष्य का आत्मविश्वास भी कमजोर पड जाता है।
           
                '' जिस वजह से मनुष्य उस  राह पर चल पड़ते हे ,जहा उन्हें सिर्फ निराशा ही मिलती है''        

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जल्द ही आपको नये ब्लॉग के साथ मिलता हू ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,





































































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